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१८० ]
श्री विपाक सूत्र
'अध्याय
मंतचुएणेहि य हिपउड्डावणेहि य निण्हवणेहि य पण्हवणेहि य वसीकरणेहि य आभिप्रोगिएहि य अभियोगित्ता उरालाइ माणुस्सयाइ भोगभोगाइ भुजमाणे विहरिस्सति । तते णं से पियसेणे णपुसए ण्यकम्मे ४ सुबहुं पावं कम्मं समन्जिणित्ता एकवीसं वाससयं परमाउं पालइत्ता कालमासे कालं किच्चा इमीसे रयणप्पहाए पुढ़वीए णेरइयत्तात्ते उवजिहिति, ततो सिरीसिवेसु संसारो तहेव जहा पढ़मे जाव पुढ़वी० । से णं तपो अणंतरं उव्वट्टिता इहेव जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे चंपाए नयरीए महिसत्ताए पच्चायाहिति, से णं तत्थ अन्नया कयाइ गोठिल्लिएहि जीवियाओ ववरोविए समाणे तत्थे व चपाए नयरीए सेट्टिकुलंसि पुत्तत्ताए पच्चायाहिति । से णं तत्थ उम्मुक्कवालभावे तहारूवाणं थेराणं अंतिते केवलं बोहिं० अणगारे० सोहम्मे कप्पे० जहा पढ़मे जाव अतं काहि ति निक्खेवो।
॥ वितियं अज्झयणं समत्त। पदार्थ-भंते !-हे भगवन् ! । उज्झियए णं-उज्झितक । दारए-बालक । इओ- यहां से । कालमासे-कालमास में-मृत्यु का समय आ जाने पर । कालं किच्चा-काल करके । कहिकहां । गच्छिहिति ।-जायगा ? । कहिं-कहां । उववजिहिति ?-उत्पन्न होगा ।। गोतमा!हे गौतम!। उज्झियए दारए-उज्झितक बालक। पणवीस-पच्चीस । वासाई-वर्ष की । परमाउं-परम श्रायु । पालइत्ता-पाल कर-भोग कर । अज्ज व-आज ही। तिभागावसेसेत्रिभागावशेष-जिस में तीसरा भाग शेष-बाकी हो । दिवसे-दिन में । सूलभिरणे कर समाणेशूली के द्वारा भेदन किये जाने पर । कालमासे-मरणावसर में । कालं किया-काल कर - मृत्यु को प्राप्त हो कर । इमीसे-इस । रयणप्पहाए - रत्नप्रभा नामक । पुढवीए-नरक में । ऐरइयत्ताए-नारकी रूप से । उववजिहिति-उत्पन्न होगा । तते णं-वहां से । अणंतरंअन्तर रहित । से-वह । उवाहिता-निकल कर । इहेव -इसी। जंबहीवे दीव जम्बूद्वीप नामक द्वीप के अन्तर्गत । भारहे वासे-भारत वर्ष में । वेयड्ढगिरिपायमूले-वैताढ्य पर्वत की तलहटीपहाड़ के नीचे की भूमि, में । वानरकुलंसि - वानर बन्दर के कुल में । वानरत्तार-वानर रूप से । उववजिहिति-उत्पन्न होगा। से णं तत्थ-वह वहां पर । उम्मुक्कबालभावे-बालभाव को त्याग कर । तिरियभोएसु-तियंच-सम्बन्धी भोगों में । मुच्छिते-मूच्छित - अासक । गिद्धे-गृद्ध-आकांक्षा वाला । गढिते-ग्रथित - स्नेहजाल में आबद्ध । अभोववन्ने-अव्युपपन्न -जो अधिक संलमता को उपलब्ध कर रहा है, हो । जाते जाते - जातमात्र । वानरपेल्लए वानरों के बच्चों को । वहेहितिमार डाला करेगा । तं-इस कारण वह । एयकम्मे ४ - इन कमा का करने वाला । कालमासे-काल . मास में । कालं किया-काल कर । इहेव - इसी । जंबुद्दीवे दोवे-जबूदीप नामक द्वीप के अन्तर्गत भारहे वासे- भारत वर्ष में । इंदपुरे-इन्द्रपुर नामक नपरे - नगर में । गणिया कुलंसि-- गणिका के कुल में । पुत्तताए-पुत्ररूप से । पञ्चायाहिति- उत्पन्न होगा । तते णं -तदनन्तर । अम्मापितरो-माता पिता । जायमेतयं-पैदा होने के अनन्तर अर्थात् तत्काल ही । तं-उस । दारयंबालक को । वद्धेहिंति २- वर्द्धितक -- नपुसक-करेंगे । नपुसगकम्म-नपुंसक का कर्म । सिक्खावेहिति-सिखावेंगे । तते णं -तदनन्तर । तस्स-उस | दारगस्स-चालक के । अम्मापितरो
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