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पहिला हिस्सा
हुआ करती है। क्योंकि छ महीने ज़मीन ज़रा एक रुख को और छ महीने दूसरे रुख को झुको रहती है । इसी से उत्तरायन
और दक्षिणायन होता है। और मासिम भी बदलता रहता है। ___ ज़मीन की इसी अनुमित धुरी के दोनों सिरों का नाम ध्रुव है। उत्तर उत्तरी और दक्खन दक्षिणी ध्रुव है। अपनी धुरी पर पच्छम से पूरब को ज़मीन के घूमने से सारा आसमान पूरब से पच्छम को घूमता मालूम पड़ता है। लेकिन जो कुछ ध्रुव के सामने है वह जहां का जहां रहता है। उत्तर ध्रुव के सामने जो तारा है। वह भी उत्तरी ध्रुव कहलाता है। दक्षिणी के ठीक सामने कोई ऐसा तारा नहीं है। जो है वह कुछ दूर हट कर अलबत्ता है ।
जब सूरज नहीं दिखलाई देता घड़ी देख कर वक्त दया. फुत करते हैं जेबी घड़ी एक डिबिया सी होती है उस को परिधि को बराबर बारह हिस्सों में बांट कर एक से बारह तक के अंक यानी घंटों के निशान उन पर लिख लेते हैं । और फिर हर हिस्से को बरावर पांच हिस्सों में बांट कर उन पर लकीरें यानी मिनट के निशान कर देते हैं । एक घंटे में साट मिनट हुआ करते हैं । इस परिधि के केंद्र पर छोटी घंटे को और बड़ो मिनट को दो सइयां रहती हैं छोटी सई एक घंटे में एक अंक से टूसरे पर पहुंचती है। और दिन रात में दो चक्कर परा करती है ॥ क्योकि दिन रात में चौबीस घंटे होते हैं। और बड़ी सूई एक घंटे में एक चक्कर पूरा करती है क्योंकि एक घंटे में साट मिनट हुआ करते हैं। दोपहर और आधी रात को दोनों मइयां बारह के अंक पर हो जाती हैं। फिर एक घंटे में छोटी मई तो वहां
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