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पहला हिस्सा
डोल
रंग के सिवाय रूप यानी डोल भी हर चीज़ का जानना ज़रूरी है। डोल बतलाने के लिये पहले यह समझला कि जिस सीधी लकीर के जिस को गणित विद्या वाले सरल रेखा। कहते हैं दोनों कनारे दहने बायें होंगे वह आड़ी और जिस के कनारे ऊपर नीचे होंगे वह खड़ी और जो इन दोनों के दर्मियान वह तिरछी है।
आड़ी लकीर खड़ी लकीर तिरछो लकीर
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दो सीधी लकीरों के इस तरह पर मिलने से कि मिल कर एक लकीर न हो जायें कोना बनता है । और वह कोना या बराबर का यानी गणित वालों का समकोन या उस से छोटा यानी न्यू नकान या बड़ा यानी अधिक कोन होता है :
न्यून कोन
समकान
अधिक कोन
तीन सीधी लकीरों से जो जगह घिर जाती है वह त्रिभुज यानी तिकोन कहनानी है। इमी तरह चा मीधी लकीरों से घिरी हुई चतुर्भुज यानी चौकोन कही जाती है ।
अगर पांच लकीरों से घिरी होगी पच कोन कहनावेगी। अगर छ सात आठ या जियादा से उतने कान कही जावेगी। इसी पठकोन को अठपहल भी करते हैं। और ये तिकोन चौकोन
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