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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (४५४) वसंतराजशाकुने-अष्टादशो वर्गः। सिद्धानविष्ठाफलमांसवको लाभाय यक्षोऽभिमुखः सदैव ।। सहस्तपादास्थिफलादिकैस्तु स्तोकैदिनैः स्यान्महते धनाय ॥१०५॥ तुंगे स्थितः वा यदि सुप्रदेशे करेण कंडूयति दक्षिणेन ॥शिरस्तदा सर्वमनीषितानि सिध्यंत्यसाध्यान्यपि यान्यभूवन ॥१०६॥ अधिष्ठितः खा शयनं स्वकीयमुद्धाव्य चेदक्षिणमाक्षि पश्येत् ॥ नैमित्तिकं स्यात्तदविःसिद्धयै चिकीर्षिते वस्तुनि दुष्करेऽपि ॥ १०७ ॥ ॥ टीका ॥ ॥१०४॥सिद्धानेति।।सिद्धानविष्ठाफलमांसवका सिद्धानंरादानं विष्ठा गूथं फलमाम्रादिमांसं पललम्।एतेषामितरेतरबंदः।तानि वक्रे मुखे यस्य स तथोक्त अभिमुखो यक्षःसदैव लाभाय भवति।तथा हस्तपादास्थिफलादिकै पूर्णवस्तु सःस्तोकैदिनैः महते धनाय स्यात् । हस्तः करः पादः क्रमः अस्थि कीकसं फलादिकं फलप्रभृतिएतेषामितरेतरबंदः ॥ १०५॥ तुंगे इति । यदि तु श्वा तुंगे मुप्रदेशे स्थितो दक्षिणेन करेण शिरकंडूयति तदासर्वमनीषितानि सिध्यंति असाध्यान्यपि साधयितुमशक्यान्यपि यान्यभूवन् ॥ १०६ । अधिष्ठित इति ॥ यदि श्वा स्वकीयम् आयतनं गृहं कविच्छयनमित्यपि पाठः।अधिष्ठित दक्षिणमक्षि उद्घाट्य नैमित्तिकं शाकुनिकं पश्येत्तदा दुष्करेऽपि चिकीर्षिते कर्तुमिष्टे वस्तुनि अविघ्नसिद्धिः विघ्नरहि ॥ भाषा॥ इनमें मूत्र करे तो बाछित भोजनके योग्यको लाभ होय ॥ १०४ ॥ सिद्धानेति ॥ रोटी, पुरी; लडुआ इनकं आदिले सिद्ध हुयो पदार्थ और विष्ठा, फल, मांस ये जाके मुखमें होय ऐसो श्वान सम्मुख आवे तो सदा लाभके अर्थ जाननो. और हाथ, पांव, हाड, फलादिक इन करके मुख जाको भन्यो होय वो श्वान महान् धनके लाभके अर्थ जाननो ॥ १०५ ॥ तुंगे इति ॥ जो ज्ञान ऊंच स्थानपै स्थित होय जेमने हाथ करके मस्तक खुजावे तो सर्व वांछित सिद्ध होय. जे पहले नहीं होयवेके योग्य कार्य हैं वेभी सिद्ध होय ॥ १०६.॥ अधिष्ठित इति ॥ जो श्वान अपने स्थानमें स्थित होय जेमने नेत्रकू खोल करके शकुन लेवेवारे देखे तो दुष्कर करवेके योग्य वस्तुमें वा कार्यमें निर्विघ्नासिद्धि होय ॥ १०७ ।। For Private And Personal Use Only
SR No.020879
Book TitleVasantraj Shakunam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasantraj Bhatt, Bhanuchandravijay Gani
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1828
Total Pages596
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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