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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १२८) वसंतराजशाकुने-सप्तमो वगः। श्यामा शरीरारचनेन पुसां भोगानभीष्टान् प्रदिशत्यशेषान।। निमजनेनांभसि निर्मनुष्ये राज्याभिषकं कथयत्यवश्यम् ।। ॥७९॥ पुंसां भवेदक्षिणपृष्ठभागे कंडूयनाद्वारणवाजिलाभः।। सर्वाधिपत्यं तु विनिश्चयेन पदा शिरःस्पर्शनचेष्टिते स्यात् ॥ ॥८०॥ईदृशैविहगचेष्टितैर्नृणां कार्यिणां भवति सर्वमीप्सितम्यादृशैःपुनरुपैति संशयं तादृशानि शृणुताधुनाजनाः८१ ॥टीका ॥ पादेन दक्षिणपादेन आननस्य कंड्यनाच्च वांछितभोगलाभः स्यात् क्वचिद्भोज्यलाभ इत्यपि पाठो दृश्यते ॥७॥ श्यामेति ॥ श्यामा पोदकी शरीरारचनेन शरीरसंस्कारकरणेन पुसां पुरुषाणामभीष्टान् भोगानशेषान्प्रदिशति तु पुनः निर्मले अंभसि निमज्जनन अवश्यं राज्याभिषेकं कथयति ॥ ७९ ॥ पुंसामिति । दक्षिणपृष्ठभागे कंडूयनात्पुंसां वारणवाजिलाभो भवेत् वारणो हस्ती वाजी हयः वारणश्च वाजी चेति दवः तयोलाभः प्राप्तिः स्यादित्यर्थः इहास्मिन् लोके निश्चयेन पदा चरणेन शिरःस्पशनचेष्टिते निश्चयेन सर्वाधिपत्यं स्यात् ॥ ८० ॥ ईदृशैरिति ॥ ईदृशैः पूर्वोक्तः विहगचेष्टितैः कार्यिणां नृणां सर्वमीप्सितं वांछितं भवति यादृशैश्चेष्टितैः पुनः संशयं विनाशमुपैति गच्छति तादृशानि चेष्टितान्यधुना जनाः शृणुत श्रुतिगोचरी कुरुत इत्यर्थः ॥ ८१ ॥ ॥ भाषा॥ हार मुखमें देरही होय और चोंचकरके ऊपरकू खुजायरही होय तो वांछित भोगलाभ देवे ॥ ७८ ॥ श्यामेति ॥ श्यामा जो पोदकी सो शरीरकी रचना अर्थात् संस्कार कररही होय तो पुरुषनकं अभीष्ट भोग संपूर्ण देवैहै फेर निर्मल जलमें स्नान कर रही होय तो अवश्य राज्याभिषेकषं कहैं हैं ॥ ७९ ॥ पुंसामिति ॥ जेमनी पीठमें खुजायरही होय तो पुरुषनकं हाथी घोडानको लाभ होय और पाँवकरके मस्तककू स्पर्श करत चेष्टा करै तो निश्चय कर संपूर्णको अधिपतीपनो करै ॥८०॥ ईदृशैरिति । ये कही जे पक्षीनकी चेष्टा इन करके कार्यवान् पुरुषनकू संपूर्ण वांछित फल होय है और अब जिन चेष्टानकर कार्यक्षीण होय हैं उन चेष्टानकू हम कहें हैं सो श्रवण करो॥ ८१ ॥ For Private And Personal Use Only
SR No.020879
Book TitleVasantraj Shakunam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVasantraj Bhatt, Bhanuchandravijay Gani
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1828
Total Pages596
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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