________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir // 104 // // 12 // संहि- इदम्मेपावतावचः ॥८८॥याश्फुलिनी // याफुलिनीऱ्या/पू.अ. अफलाऽअपुष्ष्पायाचपुष्ष्पिणी // बृहस्पतिप्प्रसूतास्तानौमु / चन्त्वन्हसमा८९॥मुञ्चन्तुमा / शपुत्थ्यादथौवरुण्यादुत॥अथों है। यमस्युपड्डीशात्सर्वसम्मादेवकिल्बिषात्॥९०॥अवपतन्तीरवदन्॥ अवपतन्तीरवदन्दुिवऽओषधयुस्प्परि॥यञ्जीवमन्नामहैनसरि / ष्ष्यातिपूरुषः // 91 // याऽओषधी॥याऽओषधीत्सोमराज्ञीब है। ह्वीश्शतविचक्षणातासामसित्त्वमुत्तमारङ्कामायुशन्हुद।९२॥ REOSCAMKARANAMA // 10 // For Private And Personal