________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir स्तेनऽईवजमक्रमुः // ओषधी पाचुच्यवुर्यत्किञ्चतन्योरप / En84 // यदुिमा३॥ यदिमावाजयन्नुहमोषधीर्हस्तंऽआदुधे ॥आ। क्मायक्ष्मस्यनश्यतिपुराजीवगृभौयथा // 85 // यस्यौषधीम।प्प सर्पथाङ्गमम्परुष्ष्परुः॥ ततोयक्ष्मंश्विबोधद्धऽउग्ग्रोमद्यमशी रिव॥८६॥साकंय्यक्ष्म // साकंय्यक्ष्मप्रपतचाणकिकिदीविन साकंवातस्युड्राज्यासाकन्नश्यनिहाया // 87 // अन्न्याव’॥अ न्यावोऽअन्यामवत्त्वन्न्यान्यस्याऽउपावत॥ताश्सा संविदाना 55554545 54545454555 For Private And Personal