________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kiashsagarsuri Gyanmandit // 12 // तेस्वाधी? // 18 // विद्माते / अग्नेब्रेधात्रयाणिविद्मातेधामवि / / तापुरुत्रा॥विद्मातेनामपरमगुहायविद्मातमुत्संय्यतऽआजगन्थे / // 19 // समुद्रेत्त्वा / नमोऽअप्प्स्वन्तन्न॒चक्षाईधेदिवोअग्नऊध है। न्॥ तृतीयत्त्वारजसितस्त्थुिवासमुपामुपस्त्थेमहिपाऽअवर्द्धन ॥२०॥अन्ददुग्निः // अन्ददुग्निस्तुनयन्निवद्यौरक्षामारेरिह है वीरुधःसमञ्जन्॥सुद्योजज्ञानोबिहीमिद्धोऽअक्ख्यदारोदसीमा / / नाभात्यन्तः ॥२१॥श्रीणामुदार? // श्रीणामुदारोधरुणौरयो / For Private And Personal