________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir युत्साविश्वकर्मासाविश्वधाया // इन्द्रस्यत्त्वाभागसोमे | नातनच्मिविष्ण्णोहव्य-रक्ष // 4 // [3] अग्नेबतपते। तञ्चरि / प्ष्यामितच्छकेयन्तन्मेराद्धयताम् // इदमहमनृतात्सत्यमुपैमि / / * // 5 // कस्त्वा / युनक्तिसत्त्वायुनक्तिकस्म्मैत्वायुनक्तितस्म्मैत्वा / युनक्ति // कर्मणेवांवपायवाम् ॥६॥प्रत्युष्टरक्षः // प्रत्युष्ट / * रक्षप्रत्युष्टाऽअरातयोनिष्टेप्सहरक्षोनिष्टुप्ताऽअरातय: // छन्तरिक्षमन्वेमि // 7 // धूरसि / धूर्वव॑न्तंधूवतंय्योम्मान्धूर्व / For Private And Personal