________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. हवामहे ।मुरुतचरिशादसा ॥करम्भेणसजोषसह // 44 / ड्रामे ॥यबामेयदरण्येयत्सभायांय्यदिन्द्रिये // यदेनश्च यमिदन्तदवयजामहेखाहा // 45 // मोपूर्ण’ ॥मो' पृत्सुदेवैरस्तिहिष्म्मातेशुष्म्मिन्नवुया॥महश्चिद्य ध्याहुविष्म्मतोमरुतोवन्दतेगी // 46 // अन्न सहवाचार्मयोभुवा // देवेभ्यत्कर्मकृत्त्वास्त. En47 // अवभृथनिचुम्पुण।नि चेरुरंसिनिचुम्पुणः For Private And Personal