________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. पू.अ. पञ्चदुशस्तोमोग्ग्रीष्म्मऽऋतुक्षत्रन्द्रविणम्प्रतीचीमारोह // 11 // प्रतीचीमारोह / जगतीत्त्वावतुबैरूपन्सामसप्तदशस्तोमौवर्षात ऋतुविणमुदीचीमारोह // 12 // उदीचीमारोहानुष्टुत्ववितुवै / राजन्सामैकवितशस्तोम शरदृतुफलन्द्रविणमूर्द्धमारोह॥१३॥ है ऊ मारोह / पङ्क्तिस्त्वावतुशाक्कररैवतेसामनीत्रिणवत्रयस्त्रिदशौ / शस्तोमौहेमन्तशिशिरावृत्वक़द्रविणम्प्रत्य॑स्तुन्नमुचेतशिरः।१४|| // 6 // सोम॑स्युत्त्विर्षिः॥सोमस्युत्त्विपिरसितवैवमेत्विषिर्भूयात् For Private And Personal