________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandie ROCCASCRIGANGACANARASIK रात्रि केतुनाजुपतासुज्योतिज्योतिपाखाहो // मधुहुतमि न्द्रतमेऽ अग्नावश्यामतेदेवधर्मनमस्तेऽ अस्तुमामाहिसी // ॥१६॥अभीमम्॥ अभीमम्महिमादिविप्प्रोबभूवसुष्प्रथा // उतश्श्रवसाथिवी सन्सीदखमहाँ२ असिरोचस्वदेववीतमः॥ विधूमम॑ग्नेऽअरुपम्मियेध्यसृजप्रशस्तदर्शतम् // 17 // याते / धर्मदिच्याशुग्ग्यागायत्र्याहविर्भाने // सातऽआप्प्यायतान्नि / ष्टयोयतान्तस्यैतेस्वाहा // यातैघन्तिरिक्षेशुग्ग्यात्रिष्टुब्भ्या For Private And Personal