________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir // 93 // अनुतेशुष्म॑न्तुरयन्तमीयतुल्लोणीशिशुन्नमातरा॥विश्चास्तुस्ट | उ.अ. धनथयन्तमन्यवेवृत्रंय्यदिन्द्रतूवसि॥६७॥ यज्ञोदेवानाम्॥ यज्ञोदेवानाम्प्रत्यतिसुम्नमादित्यासोभवतामृडयन्तः // आवो / र्वाचीसुमतिवृत्यादुव्होश्चिद्यावरिवोवित्तरासत् // 68 // अद / / धभित्सवितह / पायुभिष्व शिवेभिरद्यपरिपाहिनोगर्यम् // हि | राण्यजिह्वल्सुवितायनध्यसेरक्षामाकिन्र्नोऽअघम्सि ईशत // En69 // [15] प्रवीरया। शुचयोददिरेवामहर्युभिर्मधुमन्तत्सु // 93 // For Private And Personal