________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir HORSEASR45*5*962HARA येत्वा / हिहत्यैमघवन्नवर्द्धन्न्येशाम्बुरेहरिवायेगविष्टौ // येत्वानू नमनुमदन्तिविपातपिबैन्द्रुसोमध्सगणोमरुद्भिः // 63 // जनि / ष्ठाऽग्यश्सहसेतुरायमुन्द्रऽओजिष्ठोबहुलाभिमान ॥अवर्द्धन्नि / न्द्रम्मरुतंश्चिदमातायवीरन्दुधनद्धनिष्ठा॥६४॥आतु॥आतू / / नऽइन्द्रवृत्रहन्नम्माकमुर्द्धमार्गहि // महान्महीभिरूतिभिः॥ // 65 // त्वमिन्द्र // त्वमिन्द्रप्प्रतूर्तिष्ष्वभिविश्वाऽअसिस्पृधः॥ अशस्तिहाजनिताविश्वतूरसित्वन्तूय॑तरुष्ष्यतः॥६६॥ अनुते॥ BARBARABARRIGANGA For Private And Personal