________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir 1964 toto KOSTOSOGATORIO इमेविष्प्पुरन्तीऽअमित्रान् // 41 // बबीनाम्पिता / बहुरस्यपुत्र / श्चुिच्चाकृणोतिसमनागत्य // इषुधिल्सङ्कास्पृतनाच्चसर्वोत्प लेनिनखोजयतिप्प्रसूतः // 42 // रथेतिष्ठन् // रथेतिष्ठन्नयतिवा / जिन पुरोयत्र यत्रकामयतेसुषारथिः ॥अभीशूनाम्महिमानम्प नायतमन:पश्चाद यच्छन्तिरश्म्मयः॥४३॥ तीबान्घोषाना तीबायोपान्कृण्ण्वतेवृषपाणुयोश्वारथैभित्सुहब्वाजयन्त // अव / कामन्तहप्पपदैरमित्रोन्क्षुिणन्तिश१रनपध्ययन्त // 44 // For Private And Personal