________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 11 // हम तस्माद्राजन्सदाभक्तिःकर्तव्यामधुविहिषि // जलेनापिजगन्नाथःपूजितःक्लेशहाहरिः // 43 // परितोषव्रजत्याशुतृषार्तःसलिलैर्यथा // महदप्यल्पदंकर्म | तथालघ्वपिभूरिदं // 44 // कर्मणोभूरिहेतुत्वेनहेतुमहदल्पके // किंतुकर्मस्वरूपंचगहनाकर्मणोगतिः // 45 // वैशाखोक्ताइमेधाःस्वल्पायासकताअपि॥ बहद्रव्यविहीनाश्वविष्णोःप्रीतिकराःशुभाः // 46 // तस्मात्त्वमपिभपालवै- 2 ॐ शाखोक्तंसमाचर // त्वद्राष्ट्रीयैर्जनैःसर्वैःकारयेमान शुभावहान् // 47 // नक- US शरोतिचयोधर्मान्वैशाखोक्तानराधमः ॥बहुधाशिक्ष्यमाणोऽपिसदंड्यस्तवभूपते // San48 // इत्यावश्यकतांसम्यक्शास्त्रैव्युत्पाद्यतस्यचापश्चाद्वैशाखनिर्दिष्टान्धर्माशान्प्रोवाचसर्वशः // 49 ॥श्रुत्वातान्सकलान्धर्मान्गुरुंसंपूज्यभक्तितः ॥सराजा 8 ಇನಳನಳನಳನಳನಳನನನನನನುಟಿ For Private and Personal Use Only