________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir geen veacuerperveraraquerwerpenagerqueza // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 10 // सत्वातनयस्यविचेष्टितं // 49 // पुरान्निर्यापयामासगर्हयन्नात्मनःसुतं // राज्यानहक्षमाहीनंस्वदेशादपिभूमिप // 50 // पित्रात्यक्तस्ततोराजाहेमकांतोऽतिविठ्ठलः // वनंविवेशगहनंहत्याभिश्चसुपीडितः // 51 // बहुकाबलमवात्सीच्चगहरेनिर्जनेवने॥ आहारंकल्पयामासव्याधधर्ममुपाश्रितः॥५२॥ नक्वापिस्थितिमापेदेहत्ययाऽभिद्रुतोभ्रमन् // अष्टाशीतिस्तुवर्षाणिगतान्यस्य / से दुरात्मनः॥५३ // तीर्थयात्राप्रसंगेनत्रितोनाममहामुनिः // तस्मिन्नरण्येवै शाखेरवीमध्यंदिनंगते // 54 // गच्छन्नातपविलांतस्तृषयाचातिपीडितः // शक्विचिदृक्षविहीनेतुप्रदेशेमूर्छितोऽपतत् // 55 // दैवादृष्ट्वाहेमकांतस्त्रितंनाम ? ಈನಜನಜನಜನಕನಹಳಳನುಜನಜನಜನಕನಕಟ್ಟೆ For Private and Personal Use Only