________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 10 // णेशुक्लपक्षेतुहितीयायांमहीपते // अशून्यशयनार्थहिग्राह्यवतमनुत्तमं // // 6 // चतुर्मासंचराजेंद्रहविष्याशीभवेन्नरः // चतुर्भिःपारणंमासैःसमृद्धिः / स्यादितोविभो // 7 // लक्ष्मीयुक्तोजगन्नाथःपूजनीयोजनार्दनः // पारणादिवसेप्राप्तेभक्ष्यंचैवचतुर्विधं // 8 // उपायनंचदातव्यंब्राह्मणायकुटुंबिने // MS इश सौवर्णीराजतीवापिमूर्तिकृत्वामनोरमां // 9 // पीतांबरधरांदिव्यांवनमा-2 लाविभूषितां // शुक्लपुष्पैःसुगंधैश्चपूजयेत्पुरुषोत्तमं // 10 // शय्यादानैर्वसदानैर्विप्राणांभोजनैस्तथा // दंपत्यो जनैश्चैवदक्षिणाभिःप्रपूजयेत् // 11 // एवंतुचतुरोमासान्पूजयित्वाजनार्दनं // मार्गशीर्षादिमासेषपजयत्पूर्ववद्धरिं // 12 // संरक्तचरणंध्यायेद्रुक्मिणीसहितंहरिं // चैत्रादिचतुरोमासाने- 8 ಹಜವಳನನನಸಹಕಾಣಿಜನಜನಜನಜಾನುಡಿ For Private and Personal Use Only