________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir REASURRUARRRRORRUARUAROORKKARUARORARURE // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 9 // तातत्प्रभावेणस्फोटोद्रिक्तकलेवरा // 78 // बहुदुःखाकुलादेवीपातिव्रत्यप्रभावतः // उज्जहारस्वोदरस्थंगभैलोकैकपावनी // 79 // शरैकांडेतुचिक्षेप से दह्यमानासमंततः॥ शरकांडैस्तुसंभिन्नःषोढाभिन्नोबभूवह // 80 // षया कृत्तिकाःसमाजग्मुर्ब्रह्मणाचोदितास्तदा // शरकांडविनिर्भिन्नंषोढासंधाय / शशांभवं // 8 // षण्मुखंपुरुषंकृत्वाचैकदेहमितिस्फुटं // कृत्तिकाविधिनाज्ञप्ता स्तंतथाचक्रिरेद्रुतं // 82 // तद्देहंपुरुषाकारंषण्मुखंशरकांडगं॥ अरक्ष्यमाणअ मेवासीच्छरकांडेषुवैचिरं // 83 // एकदावृषभारूढौपार्वतीपरमेश्वरौ // श्री शैलंगंतुमनसौतनयोपरिजग्मतुः॥ 84 // तदासीत्पार्वतीदेवीसद्यःस्नुतपयो२ तृणविशेषराशौ / 2 स्नुतौ निर्गतक्षीरौ स्तनौ यस्याः। टाटामाटाहाहाs For Private and Personal Use Only