________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir MISLAMORRORRUARORAREERELARGURMULAMORE ॥वैशाखमाहात्म्य अध्याय 1 // अस्याःपाणिग्रहेदक्षःशंभुर्नान्योजगत्त्रये // देयासाशंभवेदेवीभवतानंत्येमिच्छता // 42 // पूर्वजन्मसहस्रेषुभवतासुकृतंकृतं // इदानींतवदिष्ट्यातुपारपाल कमुपागतं // 43 // तेषांतद्वचनंश्रुत्वासंत्दृष्टात्मामहागिरिः // व्याजहारपुशनर्वाक्यं पुत्रीवल्कलधारिणी // 44 // गंगातीरेनिराहारातपस्तपतिदुश्चरं // से कांक्षमाणापतिंशं तस्याइष्टमिदंत्विति // 45 // दत्ताकन्यामयातस्मैत्र्यंव कायमहात्मने // शीघ्रंगत्वाभवंतस्तुयत्रशंभुमहाप्रभुः // ४६॥प्रीत्याहिमव-15 शतादत्तांगहाणेतिनिवेद्यच॥भवंतएवकुर्वतुचैतवैिवाहिकीक्रियां // 47 // इत्यु-8 तास्तहिमवतातमामंत्र्यशिवंययुः // लक्ष्म्याद्यायोषितःसर्वाविष्ण्वाद्यादे-80 1 अनल्पफलं / २दैवेव / 3 आप्टछच / For Private and Personal Use Only