________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 7 // भाषितंमेपितुश्च // 38 // दुःखात्कायंदंडवत्पातयित्वाश्शार्तोऽहंपादयोभूरि कालं // निंदनिंदंभरिमांबाष्पनेत्रःपत्रोऽहंतेतातदैवागतोस्मि // 39 // क-18 कुन मभ्रष्टोभूसुराणांविनिंद्योज्ञात्वाधर्मान्सकलान्मासिचास्मिन् // उद्दिश्यत्वालो भतोविप्रवर्यदत्तंनान्नमासिवैशाखसंज्ञे // 40 // नाभूद्यस्मात्क्लेशमोक्षःपितृ-15 क्षणांसोऽहंपितृघ्नश्चात्महाऽतीवपापी // कर्मभ्रष्टःसत्सभायांविनिंद्यःसर्वैपुत्रः हि म पुत्रतामेतिकृत्वा॥ 41 // काल्यान्धर्मान्पितृहेतोर्महात्मानरकादस्मादुरेद्यस्य नाम // पुदित्याहुःपूयशोणादिभाजंश्रुत्वावाचंचात्मजेनांजसोक्तां // 42 // // पत्रप्राहप्रीतिहष्टांतरात्मायात्रांकृत्वाशीघ्रमागत्यगेहं॥ प्राप्तेमासेमेषसंस्थेच Baa भानौस्नानंकृत्वाविधिवत्तर्पयित्वा // निवेद्यान्नविष्णवेमह्यमंगदानंदहिहिजहान्नान्ड For Private and Personal Use Only