________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 6 // इत्युक्तःसनृपःप्राहश्रुतदेवंमहामुनि // वयमिक्ष्वाकवोभूमन्शस्त्रविद्याविशारदाः // 21 // यावत्योभूमिकणिकायावंतस्तोयबिंदवः // यावंत्यनिगगने तावतीर्गाददाम्यहं // 22 // सर्वैर्य र्मयाचेष्टंपतीन्याचरितानिमे // दानान्य84 पिचदत्तानिधर्मजातंस्वनुष्ठितं // 23 // तथापिदुर्गतिर्जाताममनोर्ध्वगतिर्विश भो // त्रिवारंचातकत्वंमेगृध्रत्वंचैकजन्मनि // 24 // सप्तजन्मसुचश्वत्वंप्राप्तं ? पूर्वमयाद्विज // सिंचताऽनेनभूपेनत्वपःपादावनेजनीः // 25 // बिंदवोदूरशी माक्षिप्तास्तैःसिक्तोऽहंकथंचन // तेनजन्मस्मतिरभत्सर्वपाप्माहतश्चमे // 26 // गोधाजन्मानिभाव्यानिह्यष्टाविंशतिमोहज // दृश्यतेदैवदिष्टानिबिभ्यतैर्जन्मभिर्धशं // 27 // नकारणंप्रपश्यामितन्मविस्तरतोवद // इत्युक्तःसद्विजःप्राಸೇನನನನನನನಜನಕನಳನಳನಳನಳು For Private and Personal Use Only