________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir MARURRRRRORRUARURRUARYAHORRORKERSEASONA // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 20 // त्यागांचदद्यात्कुटुंबिने // 91 // एवंमासव्रतंकुर्यात्सदादंभविवर्जितः // ससशःपातकहीनःकुलान्युहृत्यवैशतं // 92 // पश्यतामेवभूतानांभित्त्वावैसूर्यमंड लं॥यातिविष्णोःपरंधामयोगिनामपिदुर्लभं // 93 // व्याख्यात्येवंद्विजकुलव-R श रोमाधवीयांश्चधर्मान्विष्णोरिष्टान्सकलफलदान्व्याधपृष्टान्समस्तान्॥वटःस-1 श द्यःपश्यतामेवभूमौपपताहोपंचशाखोद्रुमोऽयं // 94 // वृक्षादस्मात्कोटरेसंस्थितोहिव्यालःकश्चिद्दीर्घदेहःकरालः // हित्वादेहपापयोनिंचसद्यःसवैतस्थौ / प्रांजलिर्नम्रमूर्धा // 95 // इतिश्रीस्कंदपुराणेवैशाखमाहात्म्येनारदांबरीषसंवादेभागवतधर्मकथनंनामैकोनविंशोऽध्यायः // 19 // // श्रुतदेवउवाच॥ A // ततस्तुविस्मितोभूत्वाशंखोव्याधसमन्वितः॥ कोभवानितितंप्राहदशैषाच ! For Private and Personal Use Only