________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Que puerperavengeancezaequeaque perseas // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 19 // न्यतमभुक्त्वासचांडालोभवेद्ध्वं // तिर्यग्योनिशतंयातिनात्रकार्याविचारणा // 84 // एवंमासव्रतंकुर्यात्प्रीतयेमधुघातिनः // एवंव्रतेसमाप्तेतुप्रतिमांकार-18 येद्विभोः // 85 // मधुसूदनदेवत्यांसवस्त्रांचसदक्षिणां / स्वर्चितांविभवैःससर्वैर्ब्राह्मणायनिवेदयेत् // 86 // वैशाखेमासिद्दादश्यांदद्याद्दध्यन्नमंजसा // इस सोदकुंभंसतांबूलंसफलंचसदक्षिणं // 87 // ददामिधर्मराजायतेनप्रीणातु दि वैयमः // अपसव्यात्समुच्चार्यनामगोत्रेपितस्ततः // 8 // दद्याद्दध्यन्नमक्षय्यंपितणांमुक्तिहेतवे // गुरुभ्यश्चतथादद्यात्पश्चाद्याच्चविष्णवे // 89 // शीतलोदकदध्यन्नकांस्यपात्रस्थमुत्तमं // सदक्षिणंसतांबूलंसभक्ष्यंचफलाशन्वितं // 90 // ददामिविष्णवेतुभ्यंविष्णुलोकजिगीषया॥ इतिदत्वायथाश-18 ಸಜಜನಜನಜನಜನಜನಜನಜನಜನಜನಜನಕನು For Private and Personal Use Only