________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir faguRSORRUAROASOORISUALORRRRRRRRORISURROUDEL // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 15 // मुह्यतिमायारचितेषुमूढागुणेषुचित्रंभगवद्विचेष्टितं // अनीहएतबहुधैकआआत्मनासृजत्यवत्यत्तिनसज्जतेऽप्यथ // 5 // समस्तदेवासुरसौख्यदुःखप्रा-ह सत्यभवान्पूर्णमनोरथोऽपि // तत्रापिकालेस्वजनाभिगुप्त्यैबिभर्षिसत्वंखलनिA ग्रहाय // 6 // तमोगुणंराक्षसबंधनायरजोगुणनिर्गुणविश्वमूर्ते // दिष्ट्या त्वदंघ्रिःप्रणताघनाशनंतीर्थास्पदं हृदिधृतंसुविपक्चयोगैः // 7 // उत्सिंक्त भक्त्यपहताशयजीवभावाःप्रापुर्गतिंतवपदस्मृतिमात्रतोये // भवारव्यकालो- IS आ रगपाशबहाःपुनःपुनर्जन्मजरादिदुःखैः // 8 // भ्रमामियोनिष्वहमालुंभक्षवत्प्रवृद्धतृष्णस्तवपादविस्मृतेः // नूनंनदत्तंनचतेकथाश्रुतानसाधवोजातुम 1 निष्कामः / 2 संहरति / 3 उसिक्ता प्रवृद्धा / 4 मार्जारवत् / माटामाटामाटाकाटन्डन् For Private and Personal Use Only