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(६) रसराज महोदधि । अंजीरके रंग मूत्रहोय तो खूनसे बिगडा मूत्र समझो. और केसरीके रंगका मूत्र होय तो वादीवा पित्तसूं बिगडा मूत्र जानो. और खूनके रंग मूत्र होय तो और जडा स्याही रंगलिये होय तो गरमीका रोग जानो. और जो निहायत कालारंग हो तो असाध्य जानो और जोकि ज्वर मिला होतो ६ महिनाके अंदर मरै और ज्वर न रहै काला रंग मूत्रहोय तो रोगी जीवैगा मरै नहीं. ____ जो तस्वीरमें नसें बनाई हैं इसी तरहसे मनुष्यके शरीरमें नसें होती हैं, तमाम शरीरमें जो नसें हैं सो इनकी जड छातीसे है. सो वह नसें छातीसे पैर व हाथ तकहैं.
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