SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 183
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Acharya Shri Kallassagarsu (१५८) रसराज महोदधि । अथ केशजमनेका इलाज. खरबूजेके बिया; अंडाकी जर्दी ३० जैतून तेजपत्ता; मोरद लोहचूर्ण ये सब दवा बराबरले कूटकरके मलहमकी तरह बनाकर लगावे तो जिस जगह केश न होय उस जगह १५ रोजमें केश जमैं सही. चित्रकादि चूर्ण. चित्ता; पीपलामूल; पीपरि; गजपीपरि ये सब दवा बरावर ले कूट कपडछान करके शहदके साथ छ:मासे खाय तो खांसी दूर होय. . हरीतक्यादि चूर्ण. हर्र,बहेडा,लोहारस.सब दवाबराबरले कूट कपड़ छान करके छःमासाखाय तो सब प्रकारके वात रोग दूर होय. पंचवाटिकादि चूर्ण पाँचो नमक दो तोले, कलमीसोरा दो तोले, नौसादर दोतोले,पीपरि दो तोले, मिर्च दो तोले,ये सब दवा कूट चूर्ण बनाय छःमासा खाय तो उदररोग दूर होय. हिंगाष्टकादि चूर्ण. सोंठि एक तोला, भुंजा सोहागा एक तोला, बड़ी हर्र एकतोला, सेंधानमक एक तोला, हींग एक तोला, ये सब दवा कूट कपडछान करिके सहिंजनेके पत्तोंके रसमें खल करिके जंगली बेरके बराबर गोली बाँधै एक गोली सबेरे एक शामको खाय तो भूख लगै सब प्रकारके उदर रोग दूर होय. For Private and Personal Use Only
SR No.020866
Book TitleVaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwandas Bhagat
PublisherKhemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
Publication Year1820
Total Pages206
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy