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रसराज महोदधि। (१०७)
अथ वातोदरकी दवा. पीपल, सेंधानमक पीस एक में मिलाय तक्रके साथ खाय तो वातोदर जाय.
पुनः दूसरी दवा,कुष्ठादि चूर्ण. कूट जयपाल जवाखार सोंठ मिर्च पीपल सेंधानोन मणियारी नमक कालानमक बच जीरा अजवायन हींग साजीखार चीता चाव इन्होंका चूर्ण करके गरम पानीके संग खानेसे वातोदर नाश होय
अथ पित्तोदरकी दवा. इसरोगमें बलवान पहिले दूधमें निसोतका कल्क और अरंडीका तेल मिलायके पियेतो पित्तोदरदूर होय.
. दूसरी दवा. निसोत व त्रिफलाका काढ़ाकर घृत डारि पीनेसे पित्तोदर नाश होय.
__अथ कफोदरकी दवा. सोंठि मिर्च पीपल नागरमोथा इन्होंका काढ़ा बनाय गोमूत्र और अरंडीका तेल मिलायके पीनेसे कफोदर दूर होय.
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