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रसराज महोदधि। (१०१) अथ श्वास रोग नाशक शुंब्यादि चूर्ण. कचूर कमलकंद गिलोय दालचीनी नागरमोथा पुष्करमूल तुलसी भूमिआँवला इलायची पीपल कालाअगर सुंठिं भीमसेनी कपूर ये सब दवा समान ले चूर्ण बनाय दुगुनी खांड मिलाय खानेसे हिचकी श्वासको हरे. - अथ भारंगी गुड़ श्वास पर.
भारंगी १०० तोले दशमूल १०० तोले हड बड़ी १०० तोले ले १२०० तोले पानी में दवा डार चुरावै जब ३०० तोला शेष रहै तो कपडासे छानिके ४०० तोले गुड़ मिलाय फिर चुरावै जब अवलेह होय जाय तब उतारिके ये दवा डारै शहद २४ तोले सोंठि ४ तोले मिर्च ४ तोले पीपल ४ तोले दालचीनी ४ तोले इलायची ४ तोले तमालपत्र ४ तोले यवाद खार २ तोले इन्होंका चूर्ण कार मिलायके २ तोले खानेसे ५ प्रकारके श्वास ५ प्रकारकी खांसी बवासीर अरुचि गुल्म अतीसार क्षयीको हरे और स्वर ब्रण अग्निको बढ़ावै यह भारंगी गुड संसारमें विख्यात है. अथ श्वास खांसी नाशक वसन्तराज रस।
त्रिकुटा त्रिफला लोहारस कुटकी हर अफीम धतूरे के बीज शुद्ध गुजराती इलायची चिरायता कपूर
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