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रसराज महोदधि। (९५) मिलाके नींबूके रसमें चार पहर घोटै तब गोली बनाय छायामें सुखायके शहदमें आंजे तो सब तरहके नेत्ररोग दूर होयँ और फुनसी फोडा मांसका गलना चूंधी मोतियाबिंध आदि सब रोग दूर होय.
५ तथा. जराया हुआ भेलावाँ एक, फिटकरी दो चना भर, अफीम एक चना भर, छः नीबूके रसमें खल करके छायामें सुखाय गोली बनाकर नीबूके रसमें घिसि आँजे तो फूली,फेफरा, आंखोंसे पानी बहना ये सब दुःख दूरि होय.
६ तथा. जेठी मधु, गेलं, सेंधानमक, दारुहल्दी, रसोत सब दवा बराबर लेके पानीमें एक दिन घोटै पीछे मटर बराबर गोली बाँधै पश्चात् पानीके साथ घिसके पलक पर लेप करे तो सब तरहके नेत्ररोग दूर होय.
१ अथ नाकरोगकी दवा. जो बहुत छींके आती होय तो धनियांकी पत्ती सुंधै अथवा चंदन सूंघना गुण करताहै.
२ नाकरोगकी खानेकी दवा। सोंठि, पीपर, इलायची तीन २ मासा ले गुड सात
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