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रसराज महोदधि। (९३)
५तथा. जो कानमें पीब बहता होय और थोड़ा २ शब्द सुन पड़े तो सफेद दूबका रस ८ तोले और मूलीका रस ६ तोले और सेंधानमक १ तोला और तिल्लीका तेल पावभर इसमें सब दवाई डालके चुरावै जब दवा जल जाय तेलमात्र रहजाय तब कानमें डालै तो कानके सब रोग दूर होय.
१ अथ आँखोंका इलाज. अगर आँखोंमें लाली छाई होय और पीडा करती होयँ तो आँवला, हरें, बहेडा यह तीनों दवा एकमें मिलायके पानीमें भिगोयदे पश्चात् चार घडी पीछे पानी से निकालकर आंखोंमें डाले तो आंखोंके सब रोग दूर होय.
२ तथा. हड छोटी दो मासे, बहेडा दोमासे, आँवला दो मासे, मिरच एक मासे, दालचीनी दो मासे,पीपर एक मासे, सेंधा व सांभरनमक एक एक मासे सब दवा एकमें मिलाकर खल करै पीछे, कपड़ छान करके नीबीके पत्ताके रसमें एक दिन खरल करे फिर एक दिन काली मकोय के रस में खलकरके सुखायके गोली बांधिके सुखावै पीछे जुदे २ अनोपानसे आंखोंके सब
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