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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 9. प्रतिष्ठा पाठ (आचार्य जयसेन), श्लोक 17, पृष्ठ 6, वसुविन्दु अपरनाम आचार्य जयसेन, प्रकाशक-हीराचन्द्र नेमीचन्द्र दोशी सोलापुर, वीर निर्वाण संवत् 2452 10. जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग 2, पृष्ठ? 11. धवला पुस्तक 1 पृष्ठ 113, भ. पुष्पदन्त भूतवली, श्री वीरसेन स्वामी कृत धवला टीका, प्रकाशक-जैन संस्कृति संरक्षक संघ, जीवराज जैन ग्रन्थमाला, सन् 1980 12. आदिपुराण, भाग 1, (आचार्य जिनसेन), सर्ग 16, श्लोक 122 पृष्ठ 357 12ए. आदिपुराण, भाग 1, (आचार्य जिनसेन), सर्ग 16, श्लोक 182 पृष्ठ 362 13. त्रिलोकसार नरतिर्यग्लोकाधिकार पृष्ठ 749 गाथा 978 14. त्रिलोकसार नरतिर्यग्लोकाधिकार पृष्ठ 732 से 862 15. प्रतिष्ठासारोद्धार, पृष्ठ 2, श्लोक 17, पं. आशाधर, अनुवादक-पं. मनोहरलाल शास्त्री, प्रकाशक-जैन ग्रन्थ उद्धारक कार्यालय, विक्रम संवत् 1974 16. प्रतिष्ठा पाठ (आचार्य जयसेन) श्लोक 134से 136 पृष्ठ 33 17. प्रतिष्ठा पाठ (आचार्य जयसेन) श्लोक 137 पृष्ठ 34 18. प्रतिष्ठा पाठ (आचार्य जयसेन) श्लोक 138 से 141 पृष्ठ 34, 35 19. ज्ञानपीठ-पूजांजलि, पृष्ठ 4, 5। भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दसवाँ संस्करण, सन् 1997 ___मंगलाष्टक-ज्योतिरय॑न्तर भावनामरगृहे.... 20. रत्नकरण्ड श्रावकाचार अध्याय 1, श्लोक 20, पृष्ठ 52, स्वामी समन्तभद्राचार्य, संस्कृत टीका-श्री प्रभाचन्द्राचार्य, हिन्दी टीका-पं. पन्नालाल साहित्याचार्य, प्रकाशक-वीतराग वाणी ट्रस्ट टीकमगढ़ म. प्र. 21. पद्मपुराण सर्ग 92 श्लोक 76 श्री रविषेणाचार्य, सम्पादक-अनुवादक-नं. पन्नालाल साहित्याचार्य, प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, सन् 1978 22. श्रावकाचार, संग्रह, भाग 3, उमास्वामी श्रावकाचार श्लोक 98, 99, पृष्ठ 160 23. वास्तुसार 3, प्रासाद प्रकरण परम जैन चन्द्रांगज ठक्कुर फेरु, अनुवादक और सम्पादक पं. भगवानदास जैन, प्रकाशक-आचार्य ज्ञानसागर विमर्श केन्द्र व्यावर, राजस्थान, श्लोक 63 से 68 पृष्ठ 149, 150 24. युग-युग में जैन धर्म, पृष्ठ 56, डा. ज्योतिप्रसाद जैन प्रकाशक-प्राच्य श्रमण भारती, मुजफ्फरनगर, 25. युग-युग में जैन धर्म पृष्ठ 58 26. धवला पुस्तक 6, 1, 9, 9, 10, 430 27. श्रावकाचार-संग्रह, भाग 2, धर्मोपदेश पीयूषवर्ष श्रावकाचार, श्लोक 217, पृष्ठ 484, सम्पादक, अनुवादक पं. हीरालाल जैन शास्त्री, सिद्धान्ताचार्य, प्रकाशक-जैन संस्कृति संरक्षक संघ सोलापुर-2 सन् 2001 27ए. ज्ञानपीठ-पूजांजलि, पृष्ठ 8-9, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दसवाँ संस्करण सन् 1997 दृष्टाष्टकस्तोत्रम्-दृष्टं जिनेन्द्रभवनं भवतापहारी..... 28. श्रावकाचार-संग्रह, भाग 2, धर्मसंग्रह श्रावकाचार, श्लोक 81-82, पृष्ट 159 29. श्रावकाचार-संग्रह, भाग 2, सागार धर्मामृत श्लोक 37 पृष्ठ 12 30. श्रावकाचार-संग्रह, भाग 1, वसुनन्दि श्रावकाचार, श्लोक 481-482, पृ. 475 श्रावकाचार-संग्रह, भाग 3, पद्मनन्दि पंचविंशतिका, श्लोक 22, पृष्ठ 438 31. श्रावकाचार-संग्रह, भाग 3, पद्मनन्दि पंचविंशतिका, श्लोक 6-7, पृष्ठ 427 जिनमन्दिर एवं गृह-वास्तु :: 723 For Private And Personal Use Only
SR No.020865
Book TitleJain Dharm Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhprasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2012
Total Pages876
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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