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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुलाचल और कूट पर्वत |वर्ण नाम (योजन) पर्वत विस्तार उत्तर-दक्षिण (योजन) कृटों की चौड़ाई कटों की कटों को (योजन) मंख्या | ऊँचाई मूल में | मध्य में अन्त में को नौंव योजन) जघन्य लम्बाई | उत्कृष्ट लम्बाई पूर्व-पश्चिम पूर्व-पश्चिम । (योजन) (योजन) (योजन ऊपर हिमवान् | सुवर्णमय |100 105212 144712 24931-18 12525 महा- |ग्जतमय हिमवान् निषध 100 100 175 सुवर्णमय नील बैडूर्यमणि-400 10 100 100 175 50 मय रक्मि रजतमय 377416 | 539318 | | | . शिखरी | हेममय 100 -... ॐ नाम सरोवर सरोवर कहाँ है सरोवर और कमल देवी और परिवार सरोवर | देवियाँ | परिकार मुख्य | परिवार | कमल की कमल कमला देव लम्याई । चौड़ाई गहराई विजार जल (यो.) (या.) (यो.) यो.) से ऊँचाई यो.) भवन विस्तार परिवार देवो भवन लम्बा | ऊँचा | चौड़ा | विस्तार (कोस) (कास) (कोस) 1. पा हिमवान | 1000 500 | 10 | | 12 1401151 140115 | । |34 | 12 | मुख्य से आधा पर महा | 2000 1800 | 2012 | 1 | हो । 2802303 2802301 2 | मुख्य में आधा हिमवान विगिर निपध 14000 2000 | 40 4 | 2 | धृति S604601 1560460[ 4 ] [ 2 मुख्य में आधा केसरी नौल 14000 2000 | 0 | 4 | 2 | कोर्ति 5604601 1 560460 मुख्य से आधा 2000 1000 | 2012 | ।। 28023011 28023 पुंडरीका मे आया पुंडरोक | शिखरी | 1300 500 | 10.| 1 12 लक्ष्मी 14011511 140115 | | | 3: 4 12 से आधा 526 :: जैनधर्म परिचय For Private And Personal Use Only
SR No.020865
Book TitleJain Dharm Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhprasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2012
Total Pages876
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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