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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 6. तीर्थंकर पद्मप्रभ 7. तीर्थंकर सुपार्श्वनाथ 8. तीर्थंकर चन्द्रप्रभ 9. तीर्थंकर पुष्पदन्त 10. तीर्थंकर शीतलनाथ 11. तीर्थंकर श्रेयांसनाथ–इनके तीर्थ में प्रथम बलदेव (बलभद्र) विजय, वासुदेव (नारायण) त्रिपृष्ठ और प्रति-वासुदेव (प्रति-नारायण) अश्वग्रीव हुए। 12. तीर्थंकर वासुपूज्य-इनके तीर्थ में द्वितीय बलदेव अचल, वासुदेव (नारायण) द्विपृष्ठ और प्रति-वासुदेव (प्रति-नारायण) तारक हुए। 13. तीर्थंकर विमलनाथ-इनके तीर्थ में तृतीय बलदेव सुधर्म, वासुदेव स्वयम्भू और प्रति-वासुदेव मेरक हुए। 14. तीर्थंकर अनन्तनाथ-इनके तीर्थ में चतुर्थ बलदेव सुप्रभ, वासुदेव नारायण पुरुषोत्तम और प्रति-वासुदेव मधुसूदन या मधुकैटभ हुए। 15. तीर्थंकर धर्मनाथ-इनके तीर्थ में तृतीय एवं चतुर्थ चक्रवर्ती मघवा और सनत्कुमार हुए। इन्हीं के तीर्थ में पंचम बलभद्र सुदर्शन, वासुदेव पुरुषसिंह और प्रति-वासुदेव मधुक्रीड़ हुए। 16. तीर्थंकर शान्तिनाथ-यह पंचम चक्रवर्ती भी थे। 17. तीर्थंकर कुन्थुनाथ-यह स्वयं छठे चक्रवर्ती थे। 18. तीर्थंकर अरनाथ-यह स्वयं सातवें चक्रवर्ती थे और इनके तीर्थ में आठवें चक्रवर्ती सुभौम भी हुए। छठे बलदेव नन्दीषेण, वासुदेव पुण्डरीक और प्रति-वासुदेव निशुम्भ भी हुए। 19. तीर्थंकर मल्लिनाथ–इनके तीर्थ में नौवें चक्रवर्ती पद्म तथा सातवें बलदेव नन्दिमित्र, वासुदेव दत्त और प्रति-वासुदेव बलि हुए। 20. तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ-इनके तीर्थ में आठवें बलदेव राम, वासुदेव लक्ष्मण और प्रति-वासुदेव रावण हुए। राम पद्ममुनि के रूप में समादृत हैं। 21. तीर्थंकर नमिनाथ–इनके तीर्थ में दसवें चक्रवर्ती हरिषेण और ग्यारहवें चक्रवर्ती जयसेन हुए। 22. तीर्थंकर नेमिनाथ-इनके तीर्थ में बारहवें चक्रवर्ती ब्रह्मदत्त और नौवें बलदेव बलराम, वासुदेव कृष्ण और प्रति-वासुदेव जरासंध हुए। 23. तीर्थंकर पार्श्वनाथ-श्वेताम्बर परम्परानुसार इन्होंने चातुर्याम धर्म की स्थापना की, जिसका विस्तार 250 वर्ष पश्चात् हुए अन्तिम तीर्थंकर महावीर ने किया। 24. तीर्थंकर महावीर-काल-चक्र के प्रवृत्त-कल्प के अवसर्पिणी काल-खण्ड 38 :: जैनधर्म परिचय For Private And Personal Use Only
SR No.020865
Book TitleJain Dharm Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhprasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2012
Total Pages876
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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