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रहे श्री मिश्रीलाल गंगवाल ने राजकीय अतिथि को अपने प्रदेश में मांसाहार कराने से मना कर दिया था, उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था-मेरे पास एक रुपया भी बेईमानी का नहीं है। आज के राजनीतिज्ञों को उनसे प्रेरणा लेना चाहिए। प्रस्तुत आलेख का समापन हम भारतीय संविधान की निम्न पंक्तियों से करना चाहेंगे
भारत का संविधान
अनुच्छेद 51-ए भारतीय नागरिकों के मूल कर्तव्य (छ) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अन्तर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव
हैं, रक्षा करें और उसका संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया भाव
रखें।
(झ) सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें।
138 :: जैनधर्म परिचय
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