________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallashsagarsun Gyanmandir सरतीतानुरुत् तम् 1. बलाय उपदाम् उपददातीत्युपदास्तमुपायनदातारम् // 8 // उत्सादेभ्यः कुजं वक्राङ्गम् 3. प्रमुदे वामन इम्बालम 4. हाभ्यः सामं सर्वदा जललिवनेबम 5. स्वपाय पन्ध मेवहीनम 6. अधर्माय बधिरं कर्णेन्द्रियहोनम 7. पवित्राय भिषजं वैद्यम 8. प्रज्ञानाय नक्षत्राणि दर्शयति तम् गणकम 8. पाशिक्षायै प्रश्निनं प्रश्नवन्तम् शकुनादिप्रष्टारमितार्थः 1.. उपशिक्षायै अभिप्रिननमभिप्रश्नवन्तम 11. // अथ तीये यूप। मर्यादायै प्रश्नविवाक कृताम्प्र कामोद्यायोपुसढुंचांयानुरुधुम्बायोपदाम् // 6 // उत्मादेभ्यः - कुलम्॥उत्सादेभ्यःकुजम्प्रमदेवामनन्हाय 7 सामस्वप्नायान्धम मायबधिरम्पवित्तायभिषजम्प्रज्ञानायनक्षत्रदर्शमाशिक्षायैप्प्रश्नि - नमुपशिक्षायोऽअभिप्परिन्ननम्मादायैप्प्रश्नबिवाकम्॥१०॥अर्मे र हस्तुिपम् // अर्मेभ्योहस्तुिपज्जुवायांश्वपम्पुष्टी गोपालंाि प्रनान्यो विविनक्ति व ते स प्रश्नविवाकस्तम्॥१.१० // धर्मेभ्यो हस्तिपं गजपालकम् 2. जवाय अखपं तुरगपालकम 3 पुष्य गोपालं धेनुपालकम 4. वीर्याय पविपालम 5. तेजसे पजपालम 6. राय कोनाशं कषुकः कोनाशः कर्ष के यमे 7 कीलालाय सुराकार मद्य ऊतम् ८.भद्राय रहपं गेहपालकम्य से वित्त वित्तं दधातीति वित्तधस्तम् धनकर्तारम् 10. पाध्य च्याय For Private And Personal