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॥ श्रीजिनाय नमः ॥ ॥ श्रीलक्ष्मीवल्लभगणीप्रणीत टीका || + श्रीमदुत्तराध्ययनसूत्रम् - मृल. मूलार्थ, टीका, अने टीकाना अनुवाद महिन.
तृतीय भागः
-छपावी प्रसिद्ध करनार :पालनपुरनिवासी व्हेन मणीयाइए पोताना पिताश्री महेता राजकरण छगनलालना स्मरणार्थे प्रसिद्ध कर्यो. वीर संवत् २४६२ मूल्यम् रु.४
सने १९३६
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