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॥ श्रीअर्हते नमः॥
॥ श्रीमदत्तराध्ययनसूत्रम् ॥ ३.५ मूलगाथा, मूलार्थ, श्रीलक्ष्मीवल्लभगणि प्रणीत अर्थदीपिका टीका तथा तेना गुजरातीभाषानुवाद सहित,
भाग द्वितीय
-: छपात्री प्रसिद्ध करनार :
पण्डित श्रावक होरालाल हंसराज-जामनगर. (RA संवत् १९९१
मूल्य रु. ५)
सने १९३५ OE0000000000000000SED
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