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स० समयमात्रपएा गो० हे गौतममया प्रमादी ३५ बुक तत्यनोजाएाप० सीतखिलूतयको च. संजमनेविये गागांमने विषेगा गयोथको साधु .११ समयंगोयममापमायए ॥३५॥ बुधे परिनिवुझे चरे चासे गामगुए नगरेव सं ___सं दयामारगने चपूर्णे बंधारे ते माटे स०समयमात्रपणा हे गौतममा मकरममाद ३६ बुळ तीर्थकरनोसांत्नतीने लामा
जए संतिमगं, चबूहए, समय गोयममापमायए ॥३६॥ बुधस्स निसम्म त्मा पिन सिद्धांतने केहयो सु० बालो कोखे अरु अरर्थेकरिशोमित चे रा रागद्देषने बलि लिंक बेदीने "सित सिद्धगतिपते पना सियं सुकहियमंड पनवसोहियं ॥ रागंदोसंच बिंदिया सिडिगइंगए गो० हेगौतमगए पर इसकऊर्बु ३५ एमपत्तदसमुंअध्ययनसंपूर्ण१० प्रमाद तजे तेबऊश्रुत होए तेमाटै ग्यारमुं गोयम तिबेमि ॥३७ ॥ इतिडुमपत्तशयएंदसमंसमत्तं ॥१०॥ बहुश्रुतअध्ययनके सं० संजोगयी विविशेषे प्रकर्षे मूकापा ले अएवा साधुनो लिक निक्षुनो आ० आचारने पार मगरकरीस संजोगा विप्पमुक्कस्स ॥ एगाररस निस्कूपो ॥ पायारं पान करिस्सामि आप अनुक्रमें सु० सांत्मल मुजकेतापका १ जेजेकोश्चखि होए निचे श्रुतज्ञानविद्यारहित थिन अहंकारी षुरसादिनो सोलपी||svg आएपछि सुणेहमे ॥१॥ जेया विहोश निविधे यधेपुछे
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