SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 83
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नुक्तः स समयमात्र एाहेगौतम मा० मकरप्रमाद २८ १५ समयं गोयम मापमायए ॥ २८ ॥ | लावलिवूपणाने पाम्यो मा० रषेवमीव पु० फरीपावि आदरे तेमाटे एागारियं वे मावत ने पुणो बियाइए बगीने चांदीनें अध० धनने वसी लायने प० प्रबजने पाम्यो जेहलगी चिचाणं कारें धरांच लारियं पञ्चइहिसि तूं बे स० समयमात्र पागो हे गौतम मा० मयाप्रमादीमकर प्रमाद१५ ० समयं गोयममापमायए ॥ २९ ॥ - बंधने व बलिचे पद ध० धननासमो हने संचयने रखेने बांमघापदार बिबी जीवार गवेषे बांबे ते माटे स० सम वनुझिय मित्तबंधवं विनुसंन्वेव पूरणे धरणोहसंचयं मान ने बिश्यंगवेसए सम यमात्रप गो. हे गौतम मकर प्रमादमयीप्रमादी ३० न० नहि निश्वे जि० जिनतीर्थंकरप्र० एकासने विषे दि० दीसे बेतवा व प्रणुंमानवा यं गोयममापमायए ॥ ३० ॥ नऊ जिले प्रजदिस्सई तोहेपण बल मए जगदीसे बे म० मुक्तियों चवानी मार्ग के वो दे० तीर्थकरें देवा मघोळे ते मारग एनसे जिनीक्त सं० सांप्रत संष्यातबरतमानकाले ने दिस्सई. मम्गदेसिए सिद्धांतने त्र्यधारें लव्य जीव संदेहरहितयका धर्म करते संपई न्यायमार्गनी परूपक तीर्थंकर बेलैमाटे सं० समयमात्रपरा हे गौतम मकरममाद ३१ यानुपपहे ॥ संमयंगोयममापमाय ॥ ३१ ॥ म० बांमीने क कुतीर्थीना पंथ प्रवसोहिय कंटगापहं | པ༥ For Private and Personal Use Only अ-१०
SR No.020853
Book TitleUttaradhyayan Sutra Mul Tabarth
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorKhetsi Jivraj Shah
PublisherKhetsi Jivraj Shah
Publication Year1895
Total Pages447
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy