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नु० नुकतेंडी नीजानि नदेही त नेमन० तृणाहार काष्टहार एतधीनी मा० एतेंडीप एपातेंडी ३८ क कपासएपा ३५ नकदेहियातहा । तपाहाराकचहाराय। जात मालुग्गपत्तहारगा॥३८॥ कप्पासगिमि सेंडीजीव ति निक ल तिवारपबीए तेंडी स. एजेंडीबो जाएगावा एतेंडी ३९ समोसा जाय। तिगात समंजगा। सदावश्ययगुम्मी । बोधवाइंदगाश्या ॥३॥ इंदगोवगमा एन्पादिदश्ने घोमकारेंएए आदिदेईने हवे फेर्मयी। सो सोकने एकदेसविलागेने सघसान नयीसघला लेंडीखोकनेविषेकडा १५० हवे
श्या । रोगहाएवमायने । कहने सोएगदेसेतेसवे । तेंडी नसबनवियाहिया ॥१४॥ कायीकहेले सन् तेंडीजीव पाश्री अ.अनादिना के अंतरहित ने रि स्त्रिति आश्री आदिसहित सच्छेहमासहितपालै ५१ संतश्पप्पणाहिया। अपयवसियाविय। विश्पमुच्चसाश्या। सपद्यवसियाविया ॥५॥ ए० एगुणपंचास अदिवस रात्रि जु० नुकृष्टिं कही लगवते ते. तेपीजीवनापाउपानी स्विनि अं अनर्मुशनज जघन्यस्ति | एगुगवन्न अहोरता। नकोसेएवियाहिया । तेऽदियभानविर। अंतोमुजजहसि ति ५२ सं संरख्यातोकास नत्क्रष्टिंकाय स्विति अं अंनमुफ्त जघन्यपिति ने तेंडीजीवनाकायास्वति तंज्ने दीनीका ०५८ या ॥३२॥ संखेधकालमुक्कोसा। अंतोमुत्तंजहन्नया। तेदियकायविशाकायतु।
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