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- यितिच्याश्रीआदि सहित सन्यानुषं पूर्वं थाए निबारे अंतसहित ३२ बाट वरस' बार आनुषानीस्विति सनत्क्रष्टीवि कही अ६ || निश्पमुचसाश्या । सपद्यवसियाविय ॥३२॥ वासासूबारसेवजे। नकोसेराविया
बे. बेंडीना आनुषानी स्थिति अं अंतर्मुशर्त मन्जघन्यस्विति १३३ स.संख्याताकास भूननक्रष्टि अं अंतर्मुशर्त | हिया । बेइंदियानदिई । अंतोमुतत्तंजहलिया ॥१३३॥ संवेद्यकासमुक्कोसा । अंतोमुत | ज जघन्यास्चिति बे० बेंडीकायस्विति ,न ते चंडीनीकायअपामूकनोयको ३४ अ. अनंनाकाप्नुनन्ननकोबांना अंत
जहन्निया । बेदियकायविई। तंकायंतुअमुंचन ॥३४॥ अणंतकासमुक्कोसं । पके अंतोमा मत ज. जघन्य बेदीजीवने बेंडीपणुंपामबानुएतसु आंतरुपमे विकमुनीरथंकरें१३५हवेत्नावपीकेएल एबेंडीजीवनात्नेदयत्व
उत्तंजहलयं । बेइंदियजीवाएं। अंतरेयवियाहियं ॥१३५॥ एएसिवन्ननचेव का गगंधवीरसयीफरसयी सं-संस्बाननाल्नेदपकी पण विच लेदना हजार रुपये तेंदोऽव्ययीकहेडेते. तेंडीजीव गंधरसफासने । संगणादेसनवावि । बिहागासहस्ससो ॥३६॥ नेइंदियानजेजीवा। ०बेप्रकारत्त० तेकड्या प. पर्याप्ताअपर्याप्ता ने सेना लेद सु० सालसमुजनेकहता ३३ कुंकुंयाकीमीदसानडीनीजानि ||५५७ विहातेपकित्तिया । पजत्तमपजत्ता। तेसिलेएसुरोहमे ॥३७॥ कुंयुपिपिविनइंसा।
। उविहातेपकित्तियाप. पर्याप्ताअपर्याप्त । बिहागाईसहारमा हवे तेंदीदव्यधीक पासवाननचेवर
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