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इ
बि० नसो बेद्यो सनेह फ० नसो हरयो गो कीधी माथी आत्मा म ० से मुन पंकित मर- अ.१ एणे फ० नसे निपजान्यो संवरयोग सुरु भलो मनोगत ने साधुनो वेष जेनो तिरूपकित्ता ॥ सुबिन्ने सुहमेमने ॥ क० नली कीधी ए भोजन शाकादिक फ० नसीहस्थी एजमाने विषेशासा० सावद्य क सब भलो एहनो धनहस्यो इ० इमनकहे फ० समोपच्यो एघृतादिक घेवर भाषा बर्जेसाधु ३० इमनकहे सु० रुमो बेद्यो एपत्रशाकादिक क० जसे मूल घीसाकादिकनेविषे सनिहिए सुजद्वेति ॥ साव असानीपना मोदकादिक ॥
क. नसीमनोझ कन्या इत्यादिक प्रकारनी.
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वद्यए मुणी ॥ ३६ ॥ बा. विनितने सन गुरु सिषामा
देता का बासं ॥ समई
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२० रतिपामे गुरु पं० विनितशिष्य सा० सिषामा ह० नदजातनाघोमाने व व लावतो असवार रतिपामे सास रमए पंकिए काह वहए ॥ सा० सर्व पाने गव गलियाघोकाने जेंम पेलावतां खुटाकरमारे च चपेटादे असवार बेद पामे ३१ मुऊने बे सुने || १२ खुकुयामे चामे ॥
द
सासंतो ॥ गतियस्सववाहए॥३७॥
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