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न
पपरिणामनयी लसो
जानोको सेतेपुरुषः षीहोए वा० व्यावित्र्याने रोगे पीमयोको २.०
० पंथ जो० जोपुरष मोटापंथ संबलरहित मोटोपंथांगीकार त्र्य. १८८ १८८ लोगाएां परिणामोनसुंदरी ॥ १८ ॥ प्रद्धा जोमहंतंतु ॥ पाहे जोपवाई करे गच मोटा पंथिने विषे जातो से० ते पुरष पुषीथाइ होए बु० दुधा तृषाएंकरी पी० पीमयोदेको १९ ॥ ए० एमपर्म म० पकीचे ते जी० गवंतो थको सेडुहिहोई बहा तहाहिंपीनि ॥ १८५ ॥ एवं धम्मं यकानां जोग जीजापरलवे पंथ जे पुरुषमोटापंय. बई परलवं गवंतो से दुहीहो । वाहिरोगेहिंपीमि ॥ २० ॥ अद्धा जोमहंतंतु सं० संबलरहित जो० मोटोपंथ अंगीकार करेग。 जातोयको ते पुरुष सुसुषीहोए ब्लूष तृषाएंकरी विरहितको २१ एक एम ॥ संपाहे जोपवाइ ॥ गवंतो सेहो बहा तहाविवधिनः ॥ २१ ॥ एवं धर्मपए का करीने जो जेजाए प० परलवे ग जातथिको से。 ने पुरष सुषी होए प्रत्यकर्म पोतेरहे म. धम्मंपि कालएं जोगबइ परन्नवं गवंतो से हीहोर अप्पकम्मे अवेयऐ सातावेदनीरहितहोए जब जेमगृहस्वनुघर पर बलतेयके तने घरोघ जागे पलितंमि ॥ तस्स गेहस्संजीपन ॥ सरिलमाइनीएो।
साबधान लब्बऊमूल्य १०८
॥ २२ ॥
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