________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kcbatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
औ०१९
लसूर्य, २३
रा० २०
जी. २१ प्रज्ञा०२२ ॥५३॥
EXAMERIXELEARS
पंच सयापरिवुडया २७-१७०३ | पाडलिएतमि पुरे २७-६५६ | पासित्तु ताई कोई पंचेव गुणपनं २५ (पृ० ५०८टी०) | पाडलिपुत्तमि विस्सु० २७-६५९ | पिउभगअजमसविआ २२-१३१ पंचेव धणुसया
२७-१०२७ | पाडिवए पडिवत्ती २७-८५० पिच्छसि बाहिरमटुं २७-५४४ पंचेवणुत्तराई २७-११४९ | पाढामियवालुंकि २२-५० पिच्छसि मुहं सतिलयं
नि० २६ SHI पाचं दियतिरिक्ख. अणंतरं २२-२४१० पाणातिपातषिरए गं० कम्मप० । पित्तस्स य सिंभस्स य २७-४७५
प्रकी०२७ ., कओहिंतो उव. २२-१३३सू०
२२-२८७सू० | पिसाय भूआ जक्खा य ., जोणि केव० ठिई २२-२८० | पाणातिवायविरयस्स गं०जी० पिंडं उवहिं च सिज्ज २७-७३० पंचि.
किं आरंभिया किरिया कजति पीईकरो वणकरो २७-५८१ उच्च नेर० उब्व०२२ २६३सू०
२२-२८८सू० । | पीयं थणअच्छीरं २७-१६३४ पचिटियतिरिक्ख० पज्जया २२-१०८सू० पाणियहमुसाधाए
२७-१७० पंचिंदियसंघरणं २७-२०३ | पाणोऽवि पाडिहरें २७-३७१
२७-१४७२ पारिब्वायगभत्तो
२७-१६४७ पुक्खरवरणं दीवं पु० बढे २१-१८१सू० पंडक अभिसेअसिलाओ २५-१०८० पालय पुप्फे य सोमजसे २५-७८ | पुट्राई० सहाई सुणेति २२-१९४सू18 पाओवगमं भणियं पावद इहेव बसणं २७-३३७ पुट्ठोगाढअणंतरं
२२-१९८ पागडियपासुलीयं २७-५६२ | पावाणं कम्माणं २७--१५१४ | पुढविकाइए णं भंते ! पुढ०२१-२२९सू० पागारपरिक्खित्ता २७-१९४२ / पाषाणं पाषाणं
२७-२२२ | पुढविकाइयस्स णं भंते ! केवतियं पाडलचंपयमल्लिय २७-५६६ | पावियपरमाणंदा
२७-२८ | काल ठिती २१-२२८सू०
For Private and Personal Use Only