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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 928 तुलसो शब्द-कोश रोझै : रीमने से अनुरक्त होने से । 'राम नाम ही सों रीझें सकल भलाई है।" कवि० ७.७४ रीझे : (१) भूकृ००। प्रसन्न तथा अनुकूल हुए। रीझे ह हैं, राम की दोहाई, रघुराय जू ।' कवि० ७.१३६ (२) रीझें। रीझने पर । रीझे बस होत ।' विन रीझेउँ : आ०-भूक.पु+उए० । मैं रीझ गया-वशीभूत हो गया। रीझेउँ देखि तोरि चतुराई ।' मा० ७.८५.५ रीझ : आ०प्रए० (सं० ऋध्यति>प्रा. रिज्झइ)। रीझ जाय, मुग्ध हो उठे । 'जो बिलोकि रीझं कुरि।' मा० १.१३१ रोति : सं०स्त्री० (सं.) । (१) गति (२) मार्ग (३) सीमारेखा (४) ढङ्ग, शैली। 'समुझि सो प्रीति की रीति स्याम की।' कृ० ३८ (५) चलन, आचरण । 'सुनत जरहिं खल रीति ।' मा० १.४ (६) परम्परा, मर्यादा, प्रथा। 'नेग सहित सब रीति निबेरी।' मा० १.३२५.७ (७) काव्य-शैली रस निर्वाहोपयोगी पद-संघटना (वैदर्भी, गौड़ी, पाञ्चाली अथवा सुकुमार मार्ग, पुरुष मार्ग, मध्य मार्ग) । दे० रस रीति । रोतिमारिषी : (सं० आर्षी रीतिम् = रीतिमार्षी)ऋषियों की रीति । 'लोक लखि बोलिए पुनीत रीतिमारिषी।' कवि० १.१५ ।। रोती : रीति+ब० । रीतियाँ । 'करि लौकिक बैदिक सब रीतीं।' मा० १.३२०.१ रीती : (१) रीति। 'काक समान पाकरिपु रीती।' मा० २.३०२.२ (२) वि०स्त्री० (सं० रिक्ता>प्रा० रित्ती)। छूछी; अन्तःशून्य । 'जोगिजन मुनि मंडली मो जाइ रीती ढारि ।' कृ० ५३ रीते : वि.पु. (सं० रिक्त>प्रा. रित्त=रित्तय)। छूछे। सारहीन । 'भए देव सुख संपति रीते।' मा० १.८२.६ एंड : सं०० (सं.)। धड़, कबन्ध, शिरोहीन काय । मा० २.१९२.२ रंडन : रुंड+संब० । रुड़ों। 'रुंडन के झुंड ।' कवि० ६.३१ रुख : (१) सं०० (फा० रुख)। चेहरा, मुखाकार। 'निरखि राम रुख सचिव सुत...।' मा० २.५४ (२) मुख-संकेत, निर्देश, इङ्गित । 'लोकप करहिं प्रीति रुख राखें ।' मा० २.२.३ (३) मुख की ओर (अपनी ओर)। 'निज निज रुख सब रामहि देखा।' मा० १.२४४.७ (४) ओर, सामने । रबि रुख नयन सकइ किमि जोरी।' मा० २.५९.८ (५) मनोभाव (जो मुखाकार से प्रकट होता हो)। 'लखी राम रुख रहत न जाने ।' मा० २.७८.२ 'रुच रुचह : आ०प्रए० (सं० रोचते>प्रा० रुच्चइ-रुच दीप्तिी अभिप्रीती च)। (१) प्रीतिकर लगता है (रुचता है)। 'दुइ में रुचे जो सुगम सो तुलसी कीबे For Private and Personal Use Only
SR No.020840
Book TitleTulsi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBacchulal Avasthi
PublisherBooks and Books
Publication Year1991
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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