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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तुलसी शब्द-कोश 657 फिरावं : आ.प्रब० (सं० स्फेरयन्ति>प्रा० फिरावंति>अ० फिरावहिं)। घुमाते हैं। 'बालधी फिरावें। कवि० ५.२६ फिरि : पूकृ० (अ.) । (१) घूम कर, मुड़कर । 'फिरि चितवा पाछे प्रभु देखा।' ____ मा० १.५४.५ (२) पुन: । 'फिरि सुकंठ सोइ कीन्हि कुचाली।' मा० १.२६.६ फिरिम : आ०भावा० (सं० स्फिर्यते>प्रा. फिरीअइ)। लौटिए, लौट जाइए। 'फिरिअ महीस दूरि बड़ि आए।' मा० १.३४०.५ (२) लोट चलिए । 'पुत्रि, फिरिअ, बन बहुत कलेसू ।' मा० २.८२.४ (३) लौट कर आना हो । 'जों एहि मारग फिरिअ बहोरी।' मा० २.११८.२ फिरिबो : भक००कए० (सं० स्फेरितव्यम्>प्रा० फिरिअव्वं>अ० फिरिव्वउ)। लोटना, लोट चलना । 'जो फिरिबो न बन प्रभु ।' गी० २.७३.३ फिरिहहिं : आ.भ.प्रब० (अ.) घूमेंगे, भटकेंगे। 'फिरिहहिं मृग जिमि जीव दुखारी।' मा० १.४३.८ फिरिहि : आ०म० ए० (प्रा० फिरिहिइ)। पलटेगा-गी। 'फिरिहि दसा बिधि बहुरि कि नाहीं।' मा० २.६८.७ फिरिहैं : फिरिहहिं । लौट चलेंगे। 'फिरिहैं किधौं फिरन कहिहैं प्रभु ।' गी० २.७०.२ फिरी : फिरी+ब० । लौटीं । दिन के अंत फिरों द्वर अनी।' मा० ६.७२.१ फिरी : भूक०स्त्री० । (१) घूमी, (व्याप्त होकर) मंडलाई । 'नगर फिरी रघुबीर दोहाई।' मा० ५.११.६ (२) लोटी। 'फिरी प्रानप्रिय प्रेम पुनीता।' मा० २.३२०.१ (३) उलट गयी । तसि मति फिरी अहइ जसि भाबी।' मा० २.१७.२ (४) भटकती रही । 'बिचारि फिरी उपमा न पब ।' कवि० १.७ फिरें : फिरने पर, पलट जाने से । 'समउ फिरें रिपु होहिं पिरीतें ।' मा० २.१७.६ फिरे : भूक००० (सं० स्फिरित>प्रा० फिरिय) । घूम पड़े, लौट चले । 'फिरे ___ सकल रामहि उर राखी ।' मा० १.३४०.३ फिरेउँ : आ०- भूक००+उए । (१) मैं लौटा । 'जिअत फिरत फिरेउँ लेइ राम संदेसू ।' मा० २.१५३.३ (२) मैं भटकता रहा । 'सकल भुअन मैं फिरेउँ बिहाला।' मा० ४.६.१२ फिरेउ : भूक००कए० (सं० स्फिरितः>प्रा० फिरिओ>अ० फिरियउ) । (१) भटका, घूमा। फिरेउ महाबन परेउ भुलाई।' मा० १.१५७.८ (२) लौटा। 'फिरेउ राउ मन सोच अपारा ।' मा० १.१७४.७ (३) उलट गया। 'भयउ बाम बिधि फिरेउ सुभाऊ ।' मा० १.२८.२ (४) चक्करदार चला, घूमा। 'चहुं दिसि फिरेउ धनुष जिमि नारा।' मा० २.१३३.२ फिरेहु : आo-म०+आज्ञादि+मब० (सं० स्फिरेत>प्रा० फिरेह>अ० फिरेहु)। तुम लौट आना । 'फिरेहु गएँ दिन चारि ।' मा० २.८१ For Private and Personal Use Only
SR No.020840
Book TitleTulsi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBacchulal Avasthi
PublisherBooks and Books
Publication Year1991
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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