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तुलसी शब्द कोश-भाषा विज्ञान, व्याकरण और तुलसी-साहित्य के अध्येताओं के लिए अत्यन्त उपादेय अपूर्व उपलब्धि है। सम्पूर्ण तुलसी-वाङ्मय में प्रयुक्त शब्दों और शब्दरूपों के सार्थक अभिज्ञान में समर्थ यह कोश विद्वान् कोशकार की दीर्घसाधना और अध्यवसाय को प्रमाणित करता है। संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश और उर्दूफ़ारसी की शब्द-सम्पदा का जैसा विलक्षण एवं सार्थक प्रयोग महाकवि तुलसीदास ने किया है, और एक ही शब्द के विभिन्न रूपों के द्वारा जो अर्थभेद अपनाया है उसे यह कोश विवृत करता है । लम्बे अर्से से अनुभूत आवश्यकता की पूर्ति के रूप में यह कोश इस क्षेत्र में नव्य प्रयोग है कि इसका स्वरूप प्रायः रूपात्मक अथवा आकृतिमूलक है । किञ्चित् रूप-परिवर्तन से ध्वनित एक ही शब्द के विभिन्न अर्थों के अन्तर को जानना पाठक के लिए निः सन्देह महत्त्वपूर्ण है।
मूल्य ७५०.०० (दो भाग)