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________________ 'संकेत चिन्ह पूर्णरूप विवरण अ० अपभ्रंश भाषा आख्यात आ. ऐसे क्रियापद जिनमें लिङ्गभेद नहीं होता, पुरुषभेद होता है। उए. उत्र० उत्तम पुरुष एकवचन उत्तम पुरुष बहुवचन एक वचन कर्ता-कर्म एकवचन ए० कए० यह सकारान्त अथवा ओकारान्त शब्दरूपों में देखा जाता है, जिनका मूल प्रातिपदिक अकारान्त या आकारान्त होता है। कवा. कवि० कर्मवाच्य कवितावली कृष्ण गीतावली क्रियातिपत्ति कृ० क्रियाति. या से त्रियापद हैं जिनमें त्रिया की प्रति. किसी कारणवश नहीं हो पाती। ये क्रियापद भतकाल या भविष्यकाल में होते हैं। इनमें लिङ्गभेद और पुरुषभेद दोनों मिलते हैं। दे० होति तथा जनतेउँ आदि। क्रि०वि० गी. छं० क्रिया विशेषण गीतावली छन्द
SR No.020839
Book TitleTulsi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBacchulal Avasthi
PublisherBooks and Books
Publication Year1991
Total Pages564
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size32 MB
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