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BANNARVASANNA
सोमसेनकृत वैवर्णिकाचार, अध्याय पांचवा. पान २४९. Receneoroornawwaveenenerveerworkeeeeee
ॐ हीं समग्दर्शनज्ञानचारित्रेभ्यः स्वाहा ॥ श्रीपीठार्चनम् ।। अर्थ- ॐ -हाँ ' इत्यादि मंत्राने त्या पीठाचे पूजन करावे.
ॐ हीं श्रीं क्लीं ऐं अहं जगतां सर्वशान्तिं कुर्वन्तु श्रीपीठे प्रतिमा
स्थापनं करोमि स्वाहा ।। श्रीपीठे प्रतिमास्थापनम् ।। अर्थ- 'ॐ हाँ श्री' इत्यादि मंत्राने त्या पीठावर जिनप्रतिमा स्थापन करावी.
ॐ ही अहं नमः परमेष्ठिभ्यः स्वाहा ।। ॐ -हाँ अहं नमः परमात्मकेभ्यः स्वाहा ॥ ॐ हीं अहं नमोऽनादिनिधनेभ्यः स्वाहा ॥ ॐ ही अर्ह नमो नृसुरासुरपूजितेभ्यः स्वाहा ।। ॐ न्हाँ अहं नमोऽनन्तज्ञानेभ्यः स्वाहा ।। ॐ हाँ अहं नमोऽनन्तदर्शनेभ्यः स्वाहा ॥ ॐ हाँ अई नमोऽनन्तवीर्येभ्यः स्वाहा ।। ॐ हाँ अहं नमोऽनन्तसौख्यभ्यः स्वाहा
इत्यष्टभिर्मन्त्रैः प्रतिमार्चनम् ॥ अर्थ-- 'ॐ हाँ अहं" इत्यादि आठ मंत्रांनी त्या प्रतिमेचे पूजन करावें.
ॐ हाँ धर्मचकायाप्रतिहततेजसे स्वाहा ॥चकत्रयार्चनम् ॥ अर्थ-- 'ॐ हाँ 'धर्मचक्राय' इत्यादि मंत्राने चक्रत्रयाचे पूजन करावें.
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